
माइक्रोब्लैडिंग की पारंपरिक आइब्रो टैटू से तुलना करना बहुत आम बात है, हालाँकि, इनमें कुछ समानताएं हैं। यह विधि गोदने के समान है और इसमें प्रयोग किया जाने वाला रंग लंबे समय तक चलने वाला प्रभाव प्रदान करता है और इससे आप दो साल तक सुंदर और प्राकृतिक दिखने वाली भौंहों का आनंद ले सकती हैं। विभिन्न माइक्रोब्लैडिंग विधियां क्या हैं और वे भौंहों पर क्या प्रभाव डालती हैं? क्या माइक्रोब्लैडिंग इतनी लोकप्रियता पाने के लायक है? पता करने के लिए आगे पढ़ें!
माइक्रोब्लैडिंग क्या है?
माइक्रोब्लैडिंग एक विशेष कॉस्मेटिक उपचार है, जिसमें स्पष्ट आर्च का अर्ध-स्थायी प्रभाव पाने के लिए त्वचा की सतह के नीचे रंग को जमा करना शामिल होता है। चुनी गई विधि के आधार पर, माइक्रोब्लैडिंग को छोटी महीन-नुकीली सुइयों या विभिन्न प्रकार के छोटे ब्लेडों का प्रयोग करके किया जाता है। माइक्रोब्लैडिंग का उद्देश्य है: भौंहों के आकार को सही करना, आर्च को मोटा करना, रंग को उभारना और किसी भी खाली क्षेत्र को असली लगने वाले बालों जैसे स्ट्रोक से भरना।
क्या माइक्रोब्लैडिंग से दर्द होता है?
इसे दर्द-रहित माना जाता है। क्योंकि भौंहों को विशेष रूप से किसी ख़ास संवेदनशील क्षेत्र के रूप में नहीं माना जाता और इस पूरी प्रक्रिया की वजह से तेज़ दर्द नहीं होता। हालाँकि, उपचार से पहले, ब्रो एक्सपर्ट त्वचा को लिडोकेन से ढँक देते हैं, जो त्वचा को ऊपर से सुन्न कर देता है और प्रक्रिया के दौरान तकलीफ से बचाता है। इसके अलावा, ग्राहक के अनुरोध पर, उपचार से ठीक पहले, भौंहों में एनेस्थेसिया भी दिया जा सकता है।
क्या माइक्रोब्लैडिंग से पहले भौंहों को शेव करना ज़रूरी है?
प्राकृतिक दिखने के लिए, पूरी भौंहों को शेव करने की ज़रूरत नहीं है। हालाँकि, आपका ब्रो एक्सपर्ट निश्चित रूप से आर्च से अनावश्यक बाल हटा देगा। इससे ग्राहक को अपने चेहरे के आकार के अनुसार, एक अच्छी और प्राकृतिक आकृति मिलती है। हमारा सुझाव है कि आप आइब्रो मैपिंग पेशेवरों के ऊपर छोड़ दें लेकिन अगर आप चाहें तो अपने से अनचाहे बालों को हटा सकती हैं। आपको बस अच्छी सटीक चिमटी की ज़रूरत होती है, जो बिना किसी दर्द के सबसे छोटे से छोटे बाल को भी उखाड़ सके।
माइक्रोब्लैडिंग विधियाँ
पारंपरिक माइक्रोब्लैडिंग
वर्तमान में, यह अर्ध-स्थायी आइब्रो मेकअप की सबसे लोकप्रिय और प्रचलित विधियों में से एक है। यह उपचार एक ख़ास माइक्रोब्लैडिंग पेन से किया जाता है, जिसमें डिस्पोजेबल ब्लेड लगे होते हैं। आइब्रो माइक्रोब्लैडिंग प्राकृतिक दिखने वाले अलग-अलग बालों के प्रभाव को प्राप्त करने की अनुमति देती है। आइब्रो माइक्रोब्लैडिंग का सुझाव उन लोगों को दिया जाता है, जिन्हें आम आइब्रो टैटू विधि से डर लगता है, और जो ज़्यादा प्राकृतिक लुक चाहते हैं। माइक्रोब्लैडिंग से बिल्कुल हल्का और अर्ध-स्थायी आइब्रो मेकअप प्राप्त होता है।
माइक्रोफीदरिंग
आइब्रो मेकअप की यह अनोखी विधि एक डिस्पोजेबल सुई के साथ एक रोटरी टूल का उपयोग करके की जाती है। इसका प्रभाव बहुत प्राकृतिक दिखता है। पूरी आर्च पर असली लगने वाले अलग-अलग बाल बनाकर मनचाहा ब्रो शेप प्राप्त किया जाता है। इस विधि में निपुणता और उन्नत कौशल की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह तकनीकी रूप से बहुत सटीक है। इसकी कला प्राकृतिक भौंह के बालों से मेल खाने वाले असली दिखने वाले बाल बनाने पर आधारित है। लेकिन सटीक रेखाएं बनाते समय बेहद पतली सुई वाले टूल को नियंत्रित करना मुश्किल होता है।
पाउडर ब्रो/ओंब्रे ब्रो
अर्ध-स्थायी ब्रो मेकअप की यह लोकप्रिय विधि सुई से युक्त एक विशेष उपकरण के साथ की जाती है। ओंब्रे ब्रो मेकअप बहुत हल्का होता है और प्राकृतिक प्रभाव देता है। इसका मतलब है, थोड़े से दबाव के साथ हल्की गतियों का उपयोग करके, पूरे आर्च को ग्रेडिंग कलर से भरना। यह ब्रो पाउडर मेकअप जैसा हल्का प्रभाव प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। रंग की तीव्रता को ग्रेड करके और भौंह के अंतिम सिरे पर सबसे गहरा ग्रेडिएंट बनाकर पिग्मेंट लगाया जाता है। ओंब्रे ब्रो एक बहुत ही प्राकृतिक प्रभाव सुनिश्चित करता है।
दर्द-रहित और नॉन-इनवेसिव विधि - माइक्रोब्लैडिंग पेन
अगर आप माइक्रोब्लैडिंग वाला प्रभाव पाना चाहती हैं, लेकिन इनवेसिव प्रक्रियाओं और टैटू से बचना चाहती हैं तो आप ख़ास ब्रो मेकअप उत्पाद आज़मा सकती हैं, जो समान प्रभाव देते हैं! Nanobrow माइक्रोब्लैडिंग पेन बिल्कुल पतली टिप वाला एक अनोखा ब्यूटी उत्पाद है, जिससे आप बिल्कुल पेशेवर माइक्रोब्लैडिंग पेन की तरह असली लगने वाले अलग-अलग भौंह के बाल बना सकती हैं। यह पेन टिकाऊ, आरामदायक और सटीक है और बेहद पिग्मेंटेड और प्राकृतिक दिखने वाले शेड्स में आता है।
माइक्रोब्लैडिंग - बाद की देखभाल
प्रक्रिया के बाद पहले सप्ताह में त्वचा की उचित देखभाल करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
- जलन पैदा करने वाले कॉस्मेटिक्स का प्रयोग न करें।
- पपड़ी को न छुएं।
- जलन वाली त्वचा पर फाउंडेशन, कंसीलर या पाउडर का प्रयोग करना बंद कर दें।
- प्रक्रिया के एक महीने बाद, लैश ग्रोथ सीरम का प्रयोग करें।
- प्रक्रिया के बाद एक महीने तक सॉना, पूल, धूप और टैनिंग बेड से बचें और हमेशा यूवी सुरक्षा का उपयोग करें।